हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , हज़रत अमीरुल मोमीनीन (अ.स.) ने फरमाया: जो भी ज़ुल्म करता है, जो भी ज़ुल्म में उसकी मदद करता है और जो भी इस ज़ुल्म से संतुष्ट होता है, तीनों ज़ुल्म में बराबर के भागीदार होते हैं (अल-खसाल, जिल्द 2, पेज 4)
ज़ियारते वारेसा में है। "अल्लाह की लानत उस उम्मत पर हो, जिसने आप को क़त्ल किया,अल्लाह का लानत उस उम्मत पर हो जिसने आप पर ज़ुल्म किया और अल्लाह की लानत उस उम्मत पर हो जिसने आप पर हुए ज़ुल्म को सुना और उस पर राज़ी और खामोश रहा!
क़ुरआन की आयतों और मासूमीन अ०स० की हदीसों से साबित है जो भी ज़ुल्म पर खामोश रहे गा वह ज़ुल्म मे बराबर का शरीक है!
1948 से फिलिस्तीन सैहयूनियों के आक्रामक कब्ज़े में है, जिसमें आलमे इस्लाम का पहला क़िला मस्जिद अल अक़सा भी है।
ज़ालिम सैहयोनी न केवल अम्बिया व मुरसलीन और मुसलमानों की ज़मीन पर कब्जा किये हैं, बल्कि वहां रहने वाले मज़लूम निहत्थे नागरिकों पर भी अत्याचार करते हैं। वहाॕ हर दिन बे गुनाहों का ख़ून बहता है जिसमे औरतों और बच्चों का खून भी शामिल होता है, बच्चों, औरतों और निहत्थे लोगों पर हमले की न दीन इजाज़त देता है और न दुनिया का कोई क़ानून।
अब तक न जाने कितनी बस्तियां वीरान हो गयीं, कितने बेगुनाह शहीद हो गये, कितने जवान काम आ गये, लेकिन इन सभी मानवीय, वित्तीय और आर्थिक कठिनाइयों के बावजूद, फिलिस्तीनियों की स्थिरता में कोई कमी नहीं आई. आज भी, मुश्केलात के बावजूद वह दुश्मन के सामने डते हुए हैं, उनकी मज़लूमियत, उनकी फरयाद , उकी शहादत आलमे इसलाम की ग़ैरत को ललकार रही है! इस्लामी इनसानी ग़ैरत पर सवालिया निशान है!
मौलाना सफ़ी हैदर ने आगे कहा मज़लूम मुसलमानों पर हो रहे ज़ुल्म पर आलमे इसलाम और अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों की आपराधिक चुप्पी आश्चर्यजनक है!
दौरे हाज़िर मे अच्छी तरह से अनुमान लगाया जा सकता है कि कोरोना महामारी के कारण जब आर्थिक संकट और चिकित्सा सुविधाओं की कमी है तो कई अंतरराष्ट्रीय संगठन और हर इनसान जिसमें इनसानियत बाक़ी है, धर्म और समाज के भेद के बिना जीवन बचाने में व्यस्त है और जिन्हें मदद नहीं मिल पाती वह अपनी और अपने अज़ीज़ों की जान से हाथ धोने पर मजबूर होते हैं।फिलिस्तीनी किसी महामारी की वजह से नहीं बल्कि सात दशकों से बुन्यादी हुक़ूक़ और मेडिकल सहूलतों से महरूम हैं, ज़ालिम सैहयूनियों ने उन पर मदद के सारे रास्ते बन्द कर दिये हैं लेकिन उनसे ज़्यादा महरूम सारे इनसान खास तौर से आलमे इसलाम है जो उनकी मदद तो दूर हिमायत से भी महरूम है!फिलिस्तीन पर ग़ासेबाना कब्जे और मज़ालिम पर दुनिया की चुप्पी खास तौर से अरब दुनिया की बेहिसी ने आलमी इस्तेकबार की हिम्मतें और बढ़ा दी है। फिलिस्तीन से ज़्यादा यमन के हालात खराब है। बर्मा में मज़ालिम उरूज पर हैं। नाइजीरिया के मज़लूमों का खून रोज बहाया जाता है!
इसलामिक क्रांति के सर्वोच्च रहभर अयातुल्लाह सैयद रूहुल्लाह मूसवी खुमैनी क़ुद्स सिर्रोह ने रमज़ान के पवित्र महीने के आखिरी शुक्रवार को यौमे कुद्स का तारीखी एलान किया ताकि आलमे इस्लाम मज़लूम के समर्थन करे और ज़ालिम से इज़हारे बराअत करे और फिलिस्तीन को इसका सेम्पल क़रार दिया यह दिन इस्लाम और इनसानियत की पासबानी और दुनिया भर में ज़ालिमों से नफरत और मज़लूमों की हिमायत करने का दिन है।
हमें घर से लेकर दुनिया तक, और जितना मुम्किन हो ज़ुल्म के खिलाफ बोलने की कोशिश करनी चाहिए।
![यौमे क़ुद्स इस्लाम और मानवता के समर्थन का दिन है-मौलाना सैय्यद सफ़ी हैदर यौमे क़ुद्स इस्लाम और मानवता के समर्थन का दिन है-मौलाना सैय्यद सफ़ी हैदर](https://media.hawzahnews.com/d/2021/03/19/4/1120736.jpg)
हौज़ा/लखनऊ-तंज़ीमुल मकतिब के सेक्रेट्री मौलाना सैय्यद सफ़ी हैदर ने आज यौमे कुदस के मौके पर कहा कि क़ुरआन ए करीम में अल्लाह ने फरमाया: अल्लाह ज़ालिम और अन्यायी को नहीं चाहता। (सूरह. 40)
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:कुरान मजीद की शान में गुस्ताखी
इंडियन इस्लामिक स्टूडेंट यूनियन कुम मुकद्दसा, वसीम रिज़वी की निंदा और बेज़ारी की घोषणा करता है।
हौज़ा / इस्लामिक दुनिया में विचार के सभी इस बात से सहमत हैं कि कुरान में कोई तहरीफ नहीं हुई है। और ना ही इसका तसव्वुर है.आयत की तहरीफ तो बहुत दूर की बात…
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98 बरस से जन्नतुल बक़ी की वीरानी मज़लूमियत की निशानी और आलमे इस्लाम की ग़ैरत पर सवालिया निशान है, मौलाना सफी हैदर ज़ैदी
हौज़ा / तंज़ीम अल-मकातिब के प्रमुख ने कहा कि यह विस्मृति और परोपकार का एक ऐसा परोपकारी कार्य है कि जो लोग आज अल्लाह की इबादत का तरीका सिखाते हैं, उनके…
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बैतुल मुकद्द्स की आजादी केवल फिलिस्तीनी मुद्दा नहीं है, यह इस्लाम का एक महत्वपूर्ण और बुनियादी मुद्दा है, ज़हरा नकवी
हौजा / MWM महिला मामलों की केंद्रीय महासचिव ने कहा कि फिलिस्तीन और यरूशलेम का मुद्दा न केवल अरबों का मुद्दा है, बैतुल मुकद्दस की आजादी न केवल फिलीस्तीनियों…
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सिक्रेट्री तन्ज़ीमुल मकातिब लखनऊः
आले सऊद के यहूद दरिंदे अपने पूर्वजों की तरह हक़ के प्रचारकों को क़त्ल कर रहे हैं
हौज़ा / इस्लाम और मानवता के दुश्मन आले सऊद ने 12 मार्च 2022 को 81 लोगों की हत्या कर दी। 41 हुसैनी जवानों व अज़ादारों को सिर्फ इसलिए शहीद कर दिया गया क्योंकि…
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अनाथ और गरीब बच्चों की सहायता करना और उनका आदर करना धार्मिक और मानवीय ज़िम्मेदारियों में से एक है।आयतुल्लाहिल उज़मा साफी गुलपायगानी
हौज़ा/आयतुल्लाहिल उज़मा साफी गुलपायगानी ने कहां,अनाथ और गरीब बच्चों की सहायता करना और उनका आदर करना धार्मिक और मानवीय ज़िम्मेदारियों में से एक है, हमारे…
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हौज़ा / ईरान की इस्लामी क्रांति के सर्वोच्च नेता ने आज के मुसलमानों को सूचित करते हुए कहा कि इसमें संदेह की कोई गुंजाइश नहीं है, इज़राइल अपने निरंतर अस्तित्व…
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हज़रत रसूल अल्लाह स.ल.व.व. कि बेसत मोमिनीन पर एहसान हैं।मौलाना शेहवार नक़वी
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औक़ाफ़े हुसैनी में गबन की सजा से बचने के लिए वसीम रिज़वी ने सभी सीमाएँ पार कर लीं: मौलाना सफी हैदर ज़ैदी
हौज़ा / तनज़ीमुल मकातिब के सचिव ने कहा वसीम रिज़वी ने अपनी समस्याओं को छुपाने के लिए कई अन्य मुद्दों को उठाने की असफल कोशिश की। अयोध्या मामले में एक पार्टी…
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क़ुद्स दिवस आख़िर क्या है? और क़ुद्स दिवस को क्यों रमज़ानुल मुबारक में मनाया जाता हैं?
हौज़ा/क़ुद्स दिवस,क़ुद्स की तारीख़ समझने के लिए सबसे पहले हमें यह पता होना ज़रूरी है कि ईरान में सन 1979 में इस्लामी इन्क़लाब के रहबर हज़रत आयतुल्लाह इमाम…
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अंजुमने साहेबुज़ ज़मान अलैहिस्सलाम करगिल
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हौज़ा/अंजुमने साहिबुज़ ज़मान अलैहिस्सलाम करगिल ने हमले की कड़ी निंदा की और संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार संगठनों से शिया नरसंहार में शामिल आतंकवादियों पर…
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हौज़ा / यूपी के विभिन्न जिलों में मरदूद वा मलऊन स्वामी नरसिम्हनंद के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन, गिरफ्तारी की मांग करते हुए दिल्ली अल्पसंख्यक…
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आयतुल्लाह अल्वी गुर्गानी का अमेरिकी मानवाधिकार सम्मेलन के नाम संदेश:
हैरानी की बात है कि मानव अधिकारों का दावा वह देश करते है जिनके अपने हाथ लाखों निर्दोष लोगों के खून से सने हुए है
हौज़ा / दुनिया में मानवाधिकारों का मुद्दा कई सालों से दुनिया पर हावी होने, अमेरिका और अंतर्राष्ट्रीय ज़ायनिज़्म की विचारधारा को आगे बढ़ाने के बहाने के…
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:इस्लामी क्रांति के सुप्रीम लीडर आयतुल्लाहिल उज़मा सैय्यद अली ख़ामेनेई:
दुनिया के हालात से साम्राज्यवाद के बारे में ईरानी क़ौम के स्टैंड की सच्चाई और भी स्पष्ट हो गई
हौज़ा/नए हिजरी शम्सी साल कि शुरुआत पर इस्लामी क्रांति के नेता का महत्वपूर्ण भाषण अपने भाषण के दौरान महत्वपूर्ण बिंदुओं की ओर इशारा किया हैं।
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मकतब-ए- अहलेबैत समाज से बुराइयों को खत्म करने के लिए सबसे अच्छा स्कूल है
हौज़ा / मेलबर्न के इमाम जुमा ने शुक्रवार को कहां की मकतब-ए अहलेबैत हमेशा उत्पीड़न और बर्बरता को सहन नहीं करता क्योंकि शिया समुदाय ने कर्बला से धैर्य की…
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इस्लामी घराना
सामाजिक गतिविधियां, माँ की ज़िम्मेदारियों को प्रभावित न करें
हौज़ा/हज़रत आयतुल्लाहिल उज़्मा सैय्यद अली ख़ामनेई ने कहां,औरतें हमारे समाज का हिस्सा है उनसे अलग अलग मैदान में लाभ उठाया जा सकता है इनको अपने समाज से अलग…
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:दिन की हदीस
तीन काम जिन्हें अल्लाह तआला पसंद करता है।
हौज़ा/हज़रत रसूल अल्लाह स.ल.व.व. ने एक रिवायत में ऐसे तीन कामों की ओर इशारा किया है जिन्हें अल्लाह तआला पसंद करता है।
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इस्लामी क्रांति के सर्वोच्च नेता आयतुल्लाहिल उज़्मा सैयद अली ख़ामनेई:
महान पैग़म्बर हज़रत ईसा मसीह अलैहिस्सलाम का जन्म दिवस पर आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई का बयान
हौज़ा/हज़रत ईसा मसीह अलैहिस्सलाम के व्यक्तित्व और पैग़म्बरी के बारे में इस्लामी क्रांति के सुप्रीम लीडर आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई के कुछ चुनिंदा जुमले…
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इमाम महदी (अ.त.फ.श.) हमारे चेहरो को नही दिलो को देखेंगे, हुज्जतुल इस्लाम सैयद जान अली शाह काज़मी
हौज़ा / मौला इमाम मेहदी (अ.त.फ.श.) हमारे चेहरो को नही दिलो को देखेंगे। क्या हमने अपने दिलो से निजासात को निकाल फेका है?
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बैतुल मुकद्दस हमारा है
हौज़ा / हमारा गौरव इस बात को स्वीकार नहीं करता है कि हमारा पहला क़िबला दुश्मन के नियंत्रण में रहे। हम अपनी इबादत का स्थान शत्रु के चंगुल से निकाल लेंगे,…
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:दिन की हदीस
अल्लाह तआला के नज़दीक सबसेे प्रिय जीव
हौज़ा / हज़रत इमाम जाफ़र सादिक़ अलैहिस्सलाम ने एक रिवायत में अल्लाह तआला के नज़दीक सबसेे प्रिय जीव की ओर इशारा किया हैं।
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अल्लाह की याद और उसके साथ संपर्क सफलता की गारंटी है, आयतुल्लाह हाफिज़ रियाज़ नजफ़ी
हौज़ा /वेफाकुल मदारिस शिया पाकिस्तान के अध्यक्ष ने कहां की अल्लाह को याद करना और उसके साथ जुड़े रहना सफलता की गारंटी है। जो इस दुनिया में अल्लाह को भूला…
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इस्लामी क्रांति के सुप्रीम लीडर आयतुल्लाहिल उज़मा सैय्यद अली ख़ामेनेई:
हज़रत हम्ज़ा (अ.स.) मज़लूम सहाबी
हौज़ा/इस्लामी क्रांति के सुप्रीम लीडर आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने कहां,हज़रत हम्ज़ा (अ.स.) वाक़ई पैग़म्बरे इस्लाम के मज़लूम सहाबी हैं।
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